कन्या -पूजन
कन्या -पूजन
वंशबेल बढ़ाने के नाम पर "बेटा" चाहने वाला बेटी ढूंढने चला है।
कन्यादान का हक पाकर कन्या को ही बोझ समझने लगा हैं
"लड़के हैं, गलती हो जाती हैं "यह कहकर जो दो महीनें की बच्ची को भी अपना शिकार बनाने लगा है।
माँ की गोद उजाड़ ,माँ ही को पूजने चला है ,
कपड़ो से भी छोटी सोच है जिसकी
नन्हीं-सी कली के खून से जिसके हाथ हैं सने
क्या पुण्य कमायेगा वो जो अपनी ही नन्हीं-सी जान को गर्भ में मार
"कन्या-पूजन"करने चला है।