कंटीली झाड़ियों से झाँकता सवेरा
कंटीली झाड़ियों से झाँकता सवेरा
जीवन हमारा दुर्गम है,
इन कंटीली झाँड़ियों की तरह
पर थोड़ा मुस्कराओ,
तो आशा की किरण समक्ष है।
ये झाँड़ियाँ सिर्फ,
प्रकाश का भ्रम मात्र नहीं
अपितु गहन अंधेरे को चीरती,
नव किरण का पुंज है।
कटीली झाड़ियों ने,
बड़े-बड़े अनुभव दिए जीवन में
जिनमें कहीं न कहीं,
बुलंद हौसलों का आगाज है।
जिंदगी जीने का सबसे,
बेजोड़ उदाहरण है ये झाड़ियाँ
कर्मठता व मुस्कराहट बिखेरती,
जिंदगी सँवारती ये झाड़ियाँ।
