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Pushpa Tiwari

Classics

3  

Pushpa Tiwari

Classics

बसंत

बसंत

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मौसम बसंत का आता है,

सबके मन को खूब लुभाता है।

चहुँ ओर फ़ैली है हरियाली,

झूम रही है बगिया निराली।


धरती ने हरीतिमा से किया श्रृंगार,

मन में उठे सबकी खुशी की फुहार।

प्यार की नन्ही कोपलें फूटी,

खिलने लगी कलियाँ छोटी।


छा गई सब ओर ढेरों खुशियाँ,

खिल गई मन की डलिया।

फ़ैली है बसंत की महक,

गूंज रही पक्षियों की चहक।


जीवन में आज खिले नये रंग,

बना लो खुशियों को अंग।

देखो, आ गया मनभावन बसंत,

आ गया मनभावन बसंत।


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