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Pushpa Tiwari

Others

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Pushpa Tiwari

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ऋतु बसन्त

ऋतु बसन्त

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देखो ऋतु बसन्त है आई

सबको हर्षित कर मन भाई।


शीतल मंद सुगंध बहे

वसुधा का अनुपम रूप दिखे ।

  

झूम रही है डाली -डाली

नाच रही तितली मतवाली।


पीली सरसों का रंग है गहरा

धरा का लहराए आँचल सुनहरा।


पुष्पों से उपवन सजे

भौरों की गुंजन गूँजे ।


प्रकृति की शोभा न्यारी

झूमे सारे नर और नारी ।


वरदायिनी शारदा को पूजे सब लोग

मंगल मंत्र का स्वर गूँजे चहुँ ओर ।


विविध वाद्य मन को लुभाए

ऋतु बसन्त सबके मन भाए। 


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