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Shilpi Goel

Abstract Classics Inspirational

4  

Shilpi Goel

Abstract Classics Inspirational

कनिष्ठता

कनिष्ठता

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200

कनिष्ठ उम्र में ब्याह ना करना,

पिंजरे में मुझे कैद ना करना।

पहले मुझे आप मेरे पैरों पर खड़ा तो होने दो,

जीवन में विद्या रूपी गहना हासिल तो करने दो।

सर्वप्रथम मैं खुद पूर्ण हो जाऊँ, 

तभी तो विवाह को निभा पाऊँँगी।

उड़ान भर पाऊँ जो सही दिशा में, 

तभी तो खुुशी ला पाऊँगी जीवन में।


बाँध दी गई जो विवाह के बंधन में समय से पहले,

जीवन में बहार ना आएगी फिर कभी भी मेरे।

विनती करती हूँ आपसे बाबा टाल दो शादी,

रोक दो ना आप मेरी यूँ होने वाली बर्बादी।


बिना सोचे आप 'क्यों' और 'कैसे',

भूला दो समाज के डर को ऐसे।

अपनी बिटिया की पुुुकार सुन लो ना बाबा,

दे दो ना उपहार मेें मुझे जीवन दान बाबा।


वादा है मेरा आपका सिर ना कभी झुकवाऊँगी,

जीवन में अपनी एक नई पहचान मैं बनाऊँगी।


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