कलम क्या होती है?
कलम क्या होती है?
(१)
भाव उकेरे मन मीत बने
सुमधुर सुरीला संगीत सजे
उर-उदधि बन मोती निकले
उतार पृष्ठ पर चक्षु-अश्रु
खुद नम होती है
वही कलम होती है।
(२)
नि:शब्द आकृति में बंध जाए,
रचना कृत में बंध जाए,
बैर बुझा दे,तुम्हे जगा दे,
कालकूट सुधा में बंध जाए,
सुख- दुख में सम होती है
वही कलम होती है।
(३)
कभी बंधी कभी स्वछंद
ज्ञान पुंज की धारा है
कभी आंसू कभी आनंद
कभी जीवन ही सारा है
अनुराग में रम होती है
वही कलम होती है।
(४)
लिखती नित जो वाणी माँ का,
इतिहास अमर कर जाए
नित कृति से जो करे नमन
उसको सुंदर कर जाए
भांप स्थिति भावों का
नरम गरम होती है
वही कलम होती है।
(५)
समाज की सच्ची तस्वीर दिखाती
बुरे अच्छे में फर्क बताती
दिन दुःखी निर्बल अबलों का
सुंदर तकदीर बनाती
ममता और मरम होती है
वही कलम होती है।
