कलम कसाई
कलम कसाई


हत्या सिर्फ चाकू
बंदूक या हत्यार से
नही होती वह होती
कलम की धार से
कलम चलाकर
दिन दहाड़े होते खून
ना कोई जज्बात
ना मिलता कोई सुकून
हत्यारों को देते
सजा जैसे कोई
प्यार जीते सबकुछ
पढ़कर प्यार अक्षर ढाई
हत्यारे वो भी है
जो कलम की नोक पर
जान लेते हजारों
इनाम रखो कलम कसाई पर।