Gyan Priya

Inspirational

1.0  

Gyan Priya

Inspirational

कल भी सूरज उगेगा

कल भी सूरज उगेगा

1 min
399


कल भी सूरज उगेगा

रात का अंधकार मिटेगा

मन में नयी ऊर्जा

नये संचार के साथ,


जीवन अब प्रकाशवान होगा

कल भी सूरज उगेगा

नया सवेरा होगा,


मन का मैल मिटेगा

दूसरों से दिल जुड़ेगा

न अब भेदभाव,


न अब अमीर गरीब

का मन में भाव जगेगा

कल भी सूरज उगेगा

नया सवेरा होगा,


चाँद तारों की चादर पर

सब एक साथ रहेंगे

दूसरों की दुआ में

अब ये हाथ फिर जुड़ेंगे,


न अब हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई

का भेदभाव रहेगा

न अब ब्राहमण क्षत्रिय वैश्य सूद्र

के दिलों में कोई भेदभाव जगेगा,


कल भी सूरज उगेगा

नया सवेरा होगा।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational