Rajeev Kumar

Inspirational

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Rajeev Kumar

Inspirational

किताब

किताब

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चाहत उनकी कि बंद रहूं पन्ने की तरह

और खोल दूं किताब की तरह।


चाहते वो कि पेश आउं सवाल की तरह

और हाजिर हों वो जवाब की तरह।


चाहत उनकी कि बनी रहूं ख्वाब की तरह

और वो बने इन्तखाब की तरह।


चाहते वो कि काँटें हिफाजत करते है जैसे

हिफाजत किया करे वो, गुलाब की तरह।


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