किसको इश्क कहे ?
किसको इश्क कहे ?
किसी ने पूछा की हमें कैसे पता चले कि
हमें मुहब्बत या इश्क हुआ है ?
मैंने बताया कि अगर दिल की धड़कनें तेज होकर रुक जाती हो,
अगर दिमाग विचारों से सुन्न होकर रुक जाता हो,
अगर साँसें चन्द लम्हों के लिए रुक जाती हो,
अगर जुबान पे लफ्ज़ लड़खड़ाकर रुक जाते हो,
अगर मन विचलित होकर उठ जाता हो,
अगर जुल्फों की पहेलियों में जीवन की उल्जन खो जाती हो,
अगर बिना पिए ही नशा सा महसूस हो जाता हो,
अगर उसे देखते ही भूखा पेट भर जाता हो,
अगर रेगिस्तान में मृगजल से प्यास बुझ जाती हो,
अगर उसे पाते ही इच्छाए संतुष्ट हो जाती हो,
अगर घड़ी की सुइयां समय पे रुक जाती हो,
अगर स्वर्ग की अप्सराएं फूल बेखरती जाती हो,
अगर नींद आँखों से गुमराह हो जाती हो,
अगर ख्वाब की वो परी उभरकर सामने आ जाती हो,
अगर दिन में सितारोंवाला आसमान नजर आ जाता हो,
अगर उसके छूने से मेरा जैसा मरा इंसान जिन्दा हो जाता हो,
अगर उसकी कसमो पे हमारा कारवां रुक जाता हो,
तो जनाब यही वो बेपन्नाह प्यार है,
जिसे हम मुहब्बत या इश्क़ कहते हैं।
