ख्यालों में
ख्यालों में
यादों में हम तेरे ही सवालों में घिर गए
टकरा के ज़िंदगी से विसालों में घिर गए।
आँखे भी ख़्वाब ऐसे दिखाती कभी-कभी
तिल देख के मेरा मेरे गालों में घिर गए।
उड़ती रही ये जुल्फ़े हवा के संग -संग
लगता यही हैं सोंचकर बालों में घिर गए।
चुपचाप चाँद बनके अभी आए थे यहाँ
छुपा के चाँदनी को उजालों में घिर गए।
लगने लगा हैं "नीतू "को तुम साथ हो यही
निकलें जो भीड़ से तो ख्यालों में घिर गए।