ख़्वाबों की मंज़िल..!
ख़्वाबों की मंज़िल..!
टिमटिमाते तारों के,
चमकती चांदनी के।
ठंडी ठंडी रातों में,
बस तेरा अफ़साना हो।
मिल बैठ कर लूँ कुछ बातें,
संग तेरे प्यार का तराना हो।
मिल जाए हर मंज़िल पे तूँ,
क़िस्मत का ऐसा फ़साना हो।
चाहे हो आसमान की चादर,
या धरती का याराना हो।
मिल जाए हर मंज़िल पे तू,
क़िस्मत का ऐसा फ़साना हो।