ख्वाब
ख्वाब
मेरी जिंदगी मे वो हसीन पल बनकर आ गये
मेरी दिल मे वो गजल बनकर आ गए।
मेरा दिल तो तन्हाइयों का खंडहर था
ख्वाबों में मेरे ताजमहल बनकर आ गए।
धूप में गरमियाँ सहते कट रही थी जिदगी
ख्वाबों में मेरे बादल बनकर आ गए।
सोच में बनाकर रखी थी तस्वीर हमसफर की
वो तस्वीर की शक्ल बनकर आ गए।