STORYMIRROR

Anjana Singh (Anju)

Abstract

4  

Anjana Singh (Anju)

Abstract

ख्वाब दिल के

ख्वाब दिल के

1 min
336

होती है अजीब दास्तां

मन में छुपे ख्वाबों की

दिल में नजरबंद होते हैं

हकीकत से परे होते हैं

पर जब पूरे होते हैं 

हकीकत बन जाते हैं


दिन के उजालों में भी

नजर नहीं आते हैं

मन में छुपे रहते हैं

निशा में समाए रहते हैं

पर जब पूरे होते हैं

रोशनी भर जाते हैं


बदरंगी इस दुनिया में

सतरंगी एहसास सजाते हैं

सादी सी इस दुनिया में

रंगों से भर जाते हैं

पर जब पूरे होते हैं

रंगीनियां‌ बिखरातें हैं


इस पर चलता ना किसी का जोर

रातों को भी कर देते भोर

हसरतों को हैं सजातें

टूट कर पुनः जीना सिखातें

पर जब पूरे हो जातें

चांदनी बन जाते हैं


बिखरे मन की झोली में

उम्मीदों के रंग भरते हैं

थकी बुझी सांसों में

लहर सी पैदा करतें हैं

पर जब पूरे होते हैं

जीने की उमंग भर जातें हैं


माना ख़्वाबों की मंजिल दूर सही

पर मिलती है यहीं कहीं

निशां ना दिखते कदमों के

छूते मन आसमां के तारों के

पर ये तो पूरे होते हैं

मन के हौसलों से


एक अलग सी खुशी

अलग सा खुमार छा जाता है

थोड़ा सुकून सा मिल जाता

प्यारा सा एहसास दिलाता है

तेरे मेरे ख्वाब जब पूरे होतें हैं

हकीकत का घरौंदा सजाते हैं


इस पर कोई बस ना किसी का

जग सारा रंगा रंग में इसी का

इसी में जीतें हैं हम

इसी में मरतें हैं हम

पर जब पूरे होतें हैं

खुशियां बरसातें हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract