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Acharya Neeru Sharma(Pahadan)

Abstract

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Acharya Neeru Sharma(Pahadan)

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ख़ुशियों की जड़

ख़ुशियों की जड़

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समंदर से निकली थी 

थी बड़ी प्यारी 

ले आए हम घर पर 

बच्चे देख उसको 

हुए बहुत ख़ुश 

माँ ने जब देखा तो 

लिया सर पकड़ और बोली - 

" कहाँ से ले आए इस बला को तुम" ? 

कहा हमने - "समंदर से निकली थी 

यह बड़ी प्यारी । तुम्हीं ने कहा था समंदर से जो 

निकले ले आना उसे घर ।" 

माँ बोली - "रहा तू निरा मूर्ख 

कहा था मैंने लेकर के कुछ अनोखा सा आना 

तू ले आया पेड़ की जड़ 

क्या है इसमें अनोखा बता दे ज़रा यह भी तू मुझको ।" 

मैं बोला - "यही तो है संसार में 

ख़ुशियों भरी पेड़ की जड़ ।"



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