STORYMIRROR

Gagandeep Singh Bharara

Abstract Inspirational

4  

Gagandeep Singh Bharara

Abstract Inspirational

खुशियों के रंग

खुशियों के रंग

1 min
657

रंगों की ये ध्वनि सुनो,

खुशियों के यूं संग मिलो,


ना ऊंच नीच की बात करो,

हसीं ढीढोलों के व्यंग सुनो,


बहती नदिया के संग बहो,

रंगों के संग, तरंग भरो,


जीवन रूपी इस माया को,

तुम स्वर्णिम कुछ अंश भरो,


अपने से बड़ों का सम्मान करो,

छोटों में जीवन ज्ञान भरो,


काले सफेद में कुछ ना भेद करो,

जीवन शैली में इंद्रधनुष सा रंग भरो,


कर सको तो कुछ ऐसा करो,

किसी की छोली में खुशियों के रंग भरो,

खुशियों के तुम रंग भरो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract