खुशियों भरी दीवाली
खुशियों भरी दीवाली
एक याद परिवर्तन की,
सीख दी जिसने जीवन की,
सबकी सुबह प्रकाशवान नहीं होती,
कुछ इंतजार की हद नहीं होती,
त्यौहारों पर राह ताकते बुजुर्ग व बच्चे,
कोई संग हो तो त्यौहार सब हों अच्छे,
ऑखों के कोरों पर ठहरी हुई कुछ बूंदे,
बोलना चाहें पर लबों पर जम गई फफूंदें,
एक एक मुस्कुराहट का कर्ज भारी है,
सुबह के स्वागत की ना कोई तैयारी है,
उल्लास अब ना बचा तनिक भी हृदय में,
क्या रखा है सांझ और भोर के अभ्युदय में,
देख कर पीड़ा हृदय मेरा मचल उठा,
एक मुस्कान लाने को युक्ति का उबाल उठा,
लेकर सारी सजावट का सामान,
खील बताशे मिठाइयां और पकवान,
पहुंच गये होहल्ला करने को,
दीवाली उनके संग मनाने को,
पहले पहल देख कर हमको ना कोई प्रतिक्रिया हुई,
धीरे धीरे घुल मिल कर शुरू सारी प्रक्रिया हुई,
सबने मिल कर बनाई रंगोली,
संग संग चलती हंसी ठिठोली,
बीते लम्हों को याद कर जो थे उदास,
आज को संजो बना लेना चाहते थे खास,
दियों से रौशन जहान हो गया,
सूना अंधियारा मन प्रकाशमान हो गया,
मिल बॉंट कर पूजा कर भोग लगाया,
अपने हाथों से बड़े प्यार से सबने मिल जो प्रसाद बनाया,
नृत्य संगीत मनमोहक सा समय हुआ ब्यतीत,
अमावस के कालेपन को हराता दिया सत्य प्रतीत,
तबसे हर दीवाली की सुबह होती है कुछ खास,
हमारे मित्रगण भी बाट जोहते लगाते हैं आस,
अनमोल सी मुस्कुराहट और कुछ खुशियों के पल,
दीवाली भी यही सिखाती रौशन करो आज और कल,
किसी की मजबूरी ना हो सदियों लंबी,
एक दिया उम्मीदों का देहरी पर जलाओ सभी,
सूने मन में आशाओं का रूप दीवाली,
दुख को सुख में परिवर्तित करती दीवाली,
अंधियारे से लड़ती दीपक की लौ है दीवाली,
असत्य पर सत्य की विजय है दीवाली,
मेरी दीवाली प्यार वाली दीवाली,
अनाथाश्रम के बच्चों के मुस्कान वाली दीवाली,
वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के आशीर्वाद वाली दीवाली,
मजबूरों की मदद को तत्पर रहने वाली दीवाली,
हर घर हो रौशन ऐसे प्रयास वाली दीवाली,
मेरी दीवाली होती है कुछ खास,
किसी के जीवन में खुशियां लाने का तुच्छ प्रयास,
वो एक एक मुस्कुराहट बड़ी बेशकीमती है,
बड़ी क्रूर है नियति यह कैसी साजिश रची है,
तरसती हैं निगाहें किसी अपने के दीदार को,
बरसों बीत गये छोड़े कर गये हुये परिवार को,
उस खालीपन को भरने की कोशिश जारी है,
कोई उदासी अब ना दिखे कमर कस तैयारी है,
चलो किसी अंधियारे कोने को प्यार का उजाला दें,
निस्वार्थ प्रेम का छलकता हुआ एक प्याला दें,
निज स्वार्थ से परे हट कर सर्व हित का संदेशा है लाती,
जगमग जगमग दीपों वाली खुशियों भरी दीवाली ..!!