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Kahkashan Danish

Romance

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Kahkashan Danish

Romance

ख़ुदग़र्ज़ प्यार

ख़ुदग़र्ज़ प्यार

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देकर फ़ूल गुलाब का, जोड़ें दिल के तार   

सौदा कैसा कर रहें, आज यहाँ दिलदार।


आज यहाँ दिलदार, नहीं मिलते हैं सच्चे

ख़ुदग़र्ज़ी का प्यार, बनाऐं रिश्ते कच्चे l  


बोलें लाखों झूठ, प्यार का वादा लेकर

जाते हैं फ़िर भूल, सनम को झाँसा देकर।


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