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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

खुद को चुनो

खुद को चुनो

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" इस बार मैंने लोगों को नहीं,

खुद को चुना है खुद के लिए "


अकेले रहते रहते, लोगों की

उन हकीकत जानते समझते, 

सबसे दूर होते होते, 

आदत सी पड़ गई अब अकेला रहने की..


 तो अब लोगों का साथ

अब घुटन सा लगने लगा है..! 

मैं सही हूं या गलत मुझे नहीं पता पर

 अब यहीं मेरी जिंदगी है.. 


मुझे मेरा अकेलापन ही

अब बेहतर लगता है लोगों के साथ से !



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