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Krupa Shah

Drama

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Krupa Shah

Drama

कहना तो बहुत आज भी हैं

कहना तो बहुत आज भी हैं

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केहना तो

बहुत आज भी है,

 

बातें तो

बहुत सारी करनी है


पर कौन से हक से

बयान करूँ सारे जज्बात,


जब तुम्हें इस दूरी का

एहसास तक नहीं है।


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