ख़्वाब
ख़्वाब
खुली आँखों में पलते ख़्वाबों को, अधूरा मत छोड़ना।
जी जान से कोशिश करके, नभ में ऊँची उड़ान भरना।
होगा सुखद एहसास, मेहनत से सफलता प्राप्त करना।
एक एक सीढ़ी चढ़ते चढ़ते, तुम आसमां को छू लेना।
राह की मुश्किलों से घबराकर, लक्ष्य से मत भटकना।
गिरकर सम्हलना होगा, अगर मंज़िल तक है पहुँचना।
मत देखो शेखचिल्ली सा सपना, काँटों पर भी चलना।
पीना पड़ेगा कड़वे घुट, ग़र मधुर अहसास को जानना।
भूलकर अतीत की दुखद बातें, ज़िन्दगी में आगे बढ़ना।
हर बाधा को पार करके, पूरा करना होगा अपना सपना।