ख़ुद से मुहब्बत करोगे
ख़ुद से मुहब्बत करोगे
ख़ुद से मुहब्बत करोगे
मुनाफे के मज़े लोगे
ख़ुद में उमंग भरोगे
भरोसे के संग चलोगे
ख़ुद से मुहब्बत करोगे
मुनाफ़े के मज़े लोगे
दुश्मन से जब मिलोगे
ख़ुशी से तुम खिलोगे
जहां में ख़ुशी बांटते रहोगे
बवाल तुम काटते रहोगे
मुनाफ़े के मज़े लोगे
ख़ुद से मुहब्बत करोगे
जीने की ललक पैदा करोगे
हर एक में तुम जिंदा रहोगे
एक मिशाल तुम कायम करोगे
ऐसा विश्वास ख़ुद में तुम भरोगे
मुनाफ़े के मज़े लोगे
ख़ुद से मुहब्बत करोगे
सुरज़ का भी सर ऊंचा उठेगा
हिमालय भी तुम पर गर्व करेगा
कन्याकुमारी भी तेरे गले लगेगा
काश्मीर भी तुझसे आ मिलेगा
मुनाफ़े के मज़े लोगे
ख़ुद से मुहब्बत करोगे।