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खेल

खेल

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खेल भाई खेल,तेरा नही कोई मेल


कमर कस के, जुनून भर के

अपने प्रतिद्वन्दी को चटा धूल

कर इरादा खुद से वादा

दे पटखनी कर दे उसको फेल ।

खेल भाई खेल,तेरा नही कोई मेल ।।


न घबरा, बदल पैंतरा

धराशयी कर दे न भूल

न हार, जीत की रख होड़

हर दाँव में तू उसको पेल ।

खेल भाई खेल,तेरा नही कोई मेल ।।


ताकत से न बस हिम्मत से

जीतेगा बस अपनी मेहनत से

बढ़ा दे कदम बस जीत को

दाग दे लक्ष्य पर गोलों की रेल ।

खेल भाई खेल,तेरा नही कोई मेल ।।


चला चल,गिर मत संभल

उठ के फिर से कर दंगल

हटना मत, डिगना मत

जोश से डट सब कुछ झेल ।

खेल भाई खेल,तेरा नही कोई मेल ।।


जीवन है लड़ना है खेलना है

मौकों को भुनाना है जीतना है

हँसना खुद भी जश्न मनाना है

इरादे से बढ़ मुश्किल को ठेल ।

खेल भाई खेल,तेरा नही कोई मेल ।।


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