खेल- भावना
खेल- भावना
खेल चाहे जो भी हो,
जीत चाहे जिसकी भी हो!
मगर खेल खेलते हुए खेल भावना का होना बहुत जरूरी है!
क्योंकि हमारी खेल भावना ही हमें,
हमारे टीम के लिए किए गए प्रदर्शन से कहीं अधिक सिखाती है!
हम मैच भले ही हार जाए मगर अपनी खेल भावना से विरोधियों का भी दिल जीत जाए !
यही होती है खेल- भावना !
आप अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन से अपने टीम को जरूर जीता सकते हैं,
मग़र अपनी खेल भावना से उस खेल को जीता सकते हैं!
खेल की अहमियत बढ़ा सकते हैं!
इसलिए आज के इस दौर में खेल- भावना का होना बहुत आवश्यक है।
क्यूंकि आजकल हम खेल का मैच जरूर जीत रहे हैं!
पर खेल- भावना नहीं खुद में ला पा रहे ,
खेल को नहीं जिता पा रहे!