खबरें
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बिखरी पड़ी है अखबार में खबरें
इसने उसको मारा उसने इसको मारा
एक बच्ची को हवशी दरिंदे ने नोचा
इक लड़की को पांच लोग उठा ले गए
सोचो पढ़ भी नही पाते जिन खबरों को
कैसे झेलते होंगे वो इन असलियातों को
निपट सुन्न बैठ जाते है हम भूल सत्य को
हो एक तरफ भूल जाते हैं इन दृश्यों को
जी तो चाहता है बन दुर्गा उठाऊं त्रिशूल
घोंप दूं इन पत्थर समान सीनों में
पर हाए वो शिला सा दिल कहां से लाऊं
जो पापियों को उनका दंड दे पाऊं।