STORYMIRROR

Amrita Rai

Classics

4  

Amrita Rai

Classics

खामोशियां तन्हाइयां

खामोशियां तन्हाइयां

1 min
257

एक दूसरे की पूरक होती है

खामोशियां तन्हाइयां


तन्हाइयों में अक्सर रहा करती है खामोशियां

खुद से रूबरू कराती है तन्हाईयां


खुद से बातें कराती हैं खामोशियां

खुद की खुद से पहचान कराती है ये तन्हाइयां


खुद के लिए जीना सिखाती है खामोशियां

मुश्किल राहों पर चलना सिखाती है

खामोशियां तन्हाइयां।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics