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AJAY YADAV

Romance

4  

AJAY YADAV

Romance

कौन रोकेगा

कौन रोकेगा

1 min
340


सरेआम हमसे मिलने 

यूं आने की मनाही है 

ख्वाबों में चले आओ 

तो भला कौन रोकेगा 

अश्रु में है बादल आंखों जैसे 

छाने की मनाही है 

मुस्कान बन होठों पर 

आ जाओ तो कोई कैसे रोकेगा 

घर के दरवाजे बंद हैं 

मगर दिल के दरवाजे से

चले आओ तो कोई 

कुछ भी कैसे कहेगा

हमसे तो बदले नहीं जाते हालात

तुम हालात में ढल जाओ तो कौन रोकेगा।



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