कौन हो तुम ?
कौन हो तुम ?
जाते - जाते ज़रा कहते जाओ सनम,
मैं भी जानूं ज़रा कौन हो तुम ?
मेघदूत की कल्पना तुम्हीं हो क्या ? या प्रेमी - दिल की धड़कन ?
मुझ पे छाया नीलगगन हो क्या ? या मुझ पे हँसता सितारा ?
आधी रात को मुझे जगाती वही अंजानी पुकार हो ?
या मेरे ख्वाबों की तस्वीर ?
मुझे घेर लेती अनजान
ी खुश्बु हो ?
या मेरे प्रिय सफेद चांदनी के पुष्प ?
सूरज की पहेली किरण का मोहक हास्य हो ?
या ढलती सुनहरी शाम का मोहक तराना ?
कहीं पे बजती बांसुरी का जादुई सुरीला नगमा हो ?
या दिल ने साज़ बनके जो छेड़ा, वो राग हो ?
मुझे तड़पाती फिर भी लुभाती, मीठी कसक हो ?
या किसी अजनबी से दिल ने किया वो प्यार हो...?