कौन है वो
कौन है वो
कभी-कभी
मेरा हाथ थामे
साथ चलते-चलते
तुम्हारी निगाह
कहीं शून्य में अटक जाती है।
हमारे बीच टंक जाती है
एक ख़ामोशी,
मेरा हाथ तुम्हारे हाथों में होता है
पर मैं
तुम्हारे ख़्यालों से दूर,
कहीं दूर होती हूँ ।
तुम अपनी तन्हाईयों को साथ लेकर
किन रास्तों में भटक जाते हो ?
कौन है वो
जो उस दरमियां
तुम्हारे साथ होता है।

