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Meeta Joshi

Inspirational

4  

Meeta Joshi

Inspirational

कौन बड़ा वक़्त या किस्मत

कौन बड़ा वक़्त या किस्मत

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वक़्त ने ज़िन्दगी का नया पाठ पढ़ाया,

अनुभवों ने मुझे एक कुशल कारीगर बनाया।

कुछ ऐसी ठोकरें ज़िन्दगी ने मुझे दी,

की उम्र से पहले ही जिम्मेदारियों ने,मुझे उम्रदराज बनाया।


एक वक़्त था,न ज़िन्दगी में उलझने थी,

न उम्र की सलवटें थीं।

एक वक़्त ऐसा आया,असहाय टूटे परिंदे सा मैं लड़खड़ाया।

कहने को तो यहॉं-वहाँ सब मेरे अपने थे,

उन अपनों में से मेरा अपना कौन है ये वक्त ने बताया।


दिल को अपने हर बार मनाता रहा,

वक्त के शिकंजे में जकड़ा हूँ ये समझाता रहा।

ठोकर जो हालातों की ऐसी लगी,

अपनों की बेरुखी कुछ इस कदर खली।

कि तजुर्बों ने मुझे तराशना शुरू किया।

वक्त ने मलहम बन मेरा इलाज किया।


मुझे टूटा देख वक्त ये समझाता रहा,

कसूर मेरा नहीं तेरी किस्मत का है ये कह बहकाता रहा।


सच को समझ चुका था,

नए सिर से खुद को तराश चुका था।

किस्मत और वक़्त किसी के अपने नहीं ये मान चुका था।

अनुभव ही कुशल कारीगर का निर्माण करते हैं ये जान चुका है।


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