वक़्त
वक़्त
कभी सोचा न था,
वक़्त यूँ ही गुजर जाएगा,
हम दिन बिताते जाएंँगे
और वक़्त हाथ से बह जाएगा।
कभी खुशी की तलाश में रहे,
कभी गमों की बरसात में बहे,
दोनों ही हालात में वक़्त को रोक न सके।
उम्र बीत रही थी,ज़िन्दगी उड़ान भर रही थी।
जन्मदिन का जश्न मना,
हर साल खुशियांँ बटोरी जा रही थीं।
नासमझ थे, समझ न सके...
अपने वक़्त को,अपने हाथ से
फिसलता देख, जश्न मना रहे थे !
वक़्त बड़ा बलवान है!
हाथों से थमता नहीं,
वक़्त कभी रुकता नहीं,
ज़िन्दगी के साथ भी और
ज़िन्दगी के बाद भी,
वक़्त यूँ ही गुजरता जाएगा।
बस आज इस लम्हे में हम वक़्त गुजार रहे है,
एक लम्हा वो होगा जब उस
गुजरे वक़्त के साथ बस हमारी यादें होंगी।