कैसे कहें !
कैसे कहें !
कैसे कहें ये हम कि तुमने प्यार किया ना ,
रात की नींदें और उम्मीदें चाह के हराम किया ना
हमने तो दिल जान सभी कुछ दिल से आपको दिया ,
दिल से लिया या ठुकराया इसकी परवाह किया ना।।
गुस्ताख़ी की हमने है बेशक एक नहीं सौ बार ,
करता रहा और करता रहूँगा इसको बारम्बार
जब तक हासिल हो ना सकेगा मुझको तेरा प्यार ,
उजड़ी रहेगी दुनिया यूं ही कोसों रहेगी बहार।।
यह मत पूछो मुझसे खुदा अब ,
कैसे हो गए दूर
गली गली में कैसे या रब ,
हो गए हम मशहूर।।