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Rubil Gujjar

Inspirational

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Rubil Gujjar

Inspirational

कैसे गुलाम हुआ भारत

कैसे गुलाम हुआ भारत

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श्री राम का नारा होता

फिर ना कोई सहारा होता

गाड़ दिया होता दुश्मन की छाती में ध्वज

इंच इंच कश्मीर हमारा होता। 


यह अखंड भूमि होती हमारी

खंड खंड ना भारत होता

दुश्मन से जयचंद जैसे हाथ ना मिलाते जाकर

यह अखंड आर्यावर्त हमारा होता।


कैसे हुआ ये खंड भारत

क्या मज़बूरी रही होगी

ऐसी क्या बात थी जो दुश्मनों ने 

देश के लोगो से कहीं होगी। 


जिस देश में बाहुबल रहा

जिस देश की तलवारों मेे दम रहा

वो देश कैसे बट गया था

कैसे दुश्मनों के आगे सर कट गया था। 


वो देश कैसे बटा

जहा राम हुवे बलराम हुवे

जहा भीष्म भीम अर्जुन गांडीवान हुवे

जहा धर्मराज हुए करण योद्धा गुरु द्रोणाचार हुवे

जहा ऋषि हुए मुनि हुए पतंजलि योगाचार हुवे

जहां भरत जैसे भाई हुए

जहा लक्ष्मण जैसा प्रेम हुआ

जहां अभिमन्यु जैसे पुत्र हुए 

वो देश कैसे खंड खंड हुआ। 


जहा कृष्ण भगवान हुवे

जहा कनिष्क सम्राट हुवे।  


जहा चन्द्रगुप्त हुवे अशोक हुवे 

जहा शिवाजी हुवे चौहान हुवे। 


वो देश कैसे बट गया

जहां मिहिरभोज गुर्जर प्रतिहार हुवे

जहा गुरु गोविंद सिंह के लाल हुवे। 

जहा वीर शिवाजी महान हुवे


कैसे-कैसे रणधीरो ने

अपनी आहुति दे दी थी

फिर देश नहीं बटना था 

हमें आजादी दे दी थी। 


ये राष्ट्र धरा की भूमि है

इसे भूला नहीं जाता

इस भूमि के कण कण में

राम बसे घनश्याम बसे है

भारत से अलग कोई देश नहीं

जिसे माता कहा नहीं जाता। 


जहा मंगल की बन्दूक थी

जहा धनसिंह गोला था

वहा भगत सिंह का टोला था 

 चीख चीख कर बोला था। 


मेरा रंग दे बसंती चोला

मेरा रंग दे बसंती चोला।


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