"काव्य-रस"
"काव्य-रस"
काव्य ही रस है
रस से अनुभूति
शब्द से स्वर है
स्वर से स्मृति
काव्य ही संगम
संगम में समागम
सार भी यही
तथ्य भी अहम
काव्य में ध्वनि
ध्वनि ही मधुरता
साहित्य है सरस
वाच्य में एकता
काव्य में कला
कला ही ढंग
चित्रात्मक सौंदर्य
उन्माद ही उमंग
काव्य में संस्कृति
संस्कृति से शक्ति
सत्य को संवारती।
