काश
काश
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काश ज़मीन आसमान से टकरा जाता
काश बादलों के ऊपर, घर मैं बनाता
काश, ये दिन आ जाता ,
जब कोई किसी को नीचा नहीं दिखाता
हर ख्याल ऊँचा होता,
सबकी सोच ऊंचाई को छूता
सब कुछ ऊँचा हो जाता