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Bikramjit Sen

Fantasy

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Bikramjit Sen

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काश

काश

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काश ज़मीन आसमान से टकरा जाता 

काश बादलों के ऊपर, घर मैं बनाता 

काश, ये दिन आ जाता ,

जब कोई किसी को नीचा नहीं दिखाता 

हर ख्याल ऊँचा होता,

सबकी सोच ऊंचाई को छूता  

सब कुछ ऊँचा हो जाता



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