कारवां
कारवां
टूटे पर,
कब, जाने,
कहां-कहां गिर जाएंगे।
घर से टूटे रिश्ते,
जाने कैसे,
कहां-कहां बिखर जाएंगे।
हम आगे और पीछे यादों का कारवां चल रहा होगा।
छोटी-छोटी बातों का हिसाब मिल रहा होगा ।
एहसास हैं कई।
एहसासों का मिला जुला काफिला चल रहा होगा
मन मेरे क्यों कर रिपु हो चला।
खुद से ही अब बगावत कर चला।