STORYMIRROR

Nitu Rathore Rathore

Abstract Inspirational Others

3  

Nitu Rathore Rathore

Abstract Inspirational Others

कान्हा ने सिखाया है

कान्हा ने सिखाया है

1 min
138

कान्हा ने सिखाया है मन में प्रेम की सबके लहर भर दो

जब प्रेम मन हो प्रेम तन हो प्रेम से जीवन अमर कर दो।


ये प्रेम ज्ञानी भी होता हैं प्रेम दानी भी तो होता हैं

रिश्ता रंगकर प्रेम से आँगन मेरा तुम तरुवर कर दो।


सुन प्रेम पूजा प्रेम ही वंदन प्रेमी पूरा ही संसार है

रखना हो जिंदा प्रेम को तो सबकी आत्मा के अंदर भर दो।


भरता झोली जो प्रेम से उसके भरा भंडार रहता है

गर प्रेम पावक प्रेम पानी ना हो तो जमना से तर कर दो।


है प्रेम धरती प्रेम अम्बर प्रेम ही भगवान होता हैं

कान्हा ने सिखाया हैं "नीतू" सबके ही मन में ईश्वर भर दो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract