STORYMIRROR

Prateek Tiwari (तलाश)

Drama Romance

2  

Prateek Tiwari (तलाश)

Drama Romance

कामिनी

कामिनी

1 min
2.7K


मनमोहिनी वो मोह गयी,

दिल को ऐसा टोह गयी,

मृगनयन थी आँखें उसकी,

बाट इश्क़ की जोह गयी !


थे कपोल ज्यूँ पुष्प कंज,

अप्सरा को दे कर के रंज,

तब कहकहा था लग रहा,

थे बरस रहे कुछ पुष्प पुंज !


थे अधर गुलाब से महक रहे,

सब भ्रमर बास से चहक रहे,

था दमक रहा वो यूँ ललाट,

कुछ क़दम भी थे बस बहक रहे !


बलखा रही थी कटि सर्पिनी,

जब चल रही थी गजगामिनी,

क़ैद हो कर यादों में वो,

है लफ़्ज़ों में उतर रही कामिनी !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama