" काम करें दो बैल "
" काम करें दो बैल "
समय पुराना खास था,
हाल बतायें कौन
पिछले दिन ताजा हुए,
रहें कवि कभी मौन
रहें कवि कभी मौन,
बात वो सच्ची लिखते
काम करें दो बैल,
कृषक संग लगे रहते
हरे भरें सब खेत,
दृश्य लगे वो सुहाना
खूब करें हम बात ,
खास था समय पुराना।
