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अमित प्रेमशंकर

Classics

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अमित प्रेमशंकर

Classics

काली भद्रकाली माँ

काली भद्रकाली माँ

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काली, भद्रकाली हे पहाड़ा वाली माँ

दुनिया को अब तू बचा ले मेरी माँ २

दे दे तू दया की भीख दर तेरे आया माँ

आशा की अमरदीप मन में जलाया माँ

हे जग माता जगदातिए

शेरावालीए माँ, जोता वालीए २


कौलेश्वरी माते तेरी महिमा अपारा

तेरे सिवा कोई नहीं दुसरा सहारा

हे माँ छिन्नमस्तिके मैं तूझको पुकारा

ले के अवतार तू बचा ले जग सारा

कौलेश्वरी माते तेरी महिमा अपारा

तेरे सिवा कोई नहीं दुसरा सहारा

हे माँ छिन्नमस्तिके मैं तूझको पुकारा

ले के अवतार तू बचा ले जग सारा

हे पटनदेवी पटना की तू निवासिनी

शेर की सवारी करे हे सिंहवाहिनी

हे जीवदानी सुकुमारिए

शेरावालिए माँ जोता वालिए २

काली,भद्रकाली हे पहाड़ा वाली माँ

दुनिया को अब तू बचा ले मेरी माँ


तू हीं माता दुर्गा तू हीं माँ भवानी

तू हीं जया चित्रा ‌ तू हीं भवमोचनी

माता तेरी नौ रूप सब से निराली

तेरे दर से ना कभी जाए कोई खाली

तू हीं माता दुर्गा तू हीं मां भवानी


तू ही जया, चित्रा तू ही भवमोचनी

माता तेरी नौ रूप सब से निराली

तेरे दर से ना कभी जाए कोई खाली

हे माँ अनंता से कात्यायनी

हे चित्तरूपा हे ‌ब्रह्मवादिनी

हे मेरी माता धावे वालिए

शेरावालिए माँ जोता वालिए २

 

काली,भद्रकाली हे पहाड़ा वाली माँ

दुनिया को अब तू बचा ले मेरी माँ २

दे दे तू दया की भीख दर तेरे आया माँ

आशा की अमरदीप मन में जलाया माँ

हे जग माता जगदातिए

शेरावालीए माँ, जोता वालीए ...।


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