कागज की कीमत
कागज की कीमत
जिंदगी को कोरा कागज कहने वालों
अरे कीमत कागज की भी होती है
चाहे कुछ भी लिख जाओ तुम उसपर
याद रखो उसमें बात कुछ खास होतीं हैं
मत हल्के में लो तुम कागज को इतना
लोगों ने इसका भी मोल लगाया है
जरा याद करो कि कैसे तुमने भी
कागज की कश्ती को पानी पे चलाया है
अरे अखबार बेचकर लोगों ने खाई है रोटी
कौन कहता है कागज से कमाई नहीं होती
जरा याद करो कि कैसे बचपन में
तुमने पुराने कागज बेचकर पैसे जुटाए है
कौन कहता है कोरा कागज सुंदरता नहीं लाता
तुम्हें भी लगता है कागज मन को नहीं भाता
जरा जाकर तुम खुद ही देख लो कि कैसे
बड़े-बड़े महलों को कागज के फूलों ने सजाए हैं
चिंता मत करो जिंदगी कोरा कागज तो क्या
एक दिन ये भी रंगीन हो जाएगी
जैसे कागज नोट बने तो कीमती बढ़ती है
वैसे ही जिंदगी में दुखों से कीमत बढ़ जाएगी