जय शनि देव
जय शनि देव
जय जय जय शनि देव,
आप हो भगवान महादेव के परम भक्त,
आप हो न्याय के देवता,
भगवान सूर्य और माता छाया की संतान,
आप सदैव करते अपने भक्तो पर कल्याण।
आप हो इस ब्रह्माण्ड के न्यायाधीश,
करते हैं सब के भाग्य का फैसला।
देते हैं दंड जो करते गलत कार्य,
और आशीष उनको जो हैं सही राह पर चलते।
आप का सुन्दर चेहरा सबको भाये,
आपकी कृपा जिनपर पड़ जाये,उनका जीवन सवर जाये।
तिल का तेल और गुड आपको है भाता,
शनिवार का दिन आपकी पूजा करने से,
आपकी कृपा मिलती है भक्तो को।
आप हनुमान जी के हो मित्र,
जो करते हनुमान जी की पूजा,
उनपर रहती है आपकी भी कृपा।
आप हैं पुरे संसार के महाराज,
है न्यायाधीश करते रहना कल्याण हमारा,
है विनीती यह हमारा।
कोणस्थ, पिंगल,बभ्रु,कृष्ण, रौद्रोन्तक,
यम,सौरि,शनैश्चर,मंद, पिप्पलाद;
हैं दस नाम आपके,शनिवार को इनका पाठन करने से
होती है आपकी कृपा पाठक पर।
आप व्यक्ति को उनकी कर्मो के अनुसार दंड देते हैं,
इसलिए हमें अपना कर्म सुधारना चाहिए।
आपकी कृपा हो जाये तो आप एक रंक को राजा बना दें,
ऐसी है आपकी महिमा अपार,
है शनि देव आपकी लीला है अपरम्पार।
जय जय जय शनि देव,
है न्यायाप्रिय भगवान, रखना अपने भक्तो पर
आपकी आशिष हमेशा, करना स्वीकार नमन हमारा,
महाराज शनि देव की जय।