ज्वारभाटा मित्रों का
ज्वारभाटा मित्रों का
एक होड़ सी मच
गयी है
मित्रता की दौड़ में
किसके पाले में
कितने दोस्त हैं
किसके फेसबुक में
कितने लोग हैं।
लगता है
कोई फिर से
महाभारत युद्ध का
शंखनाद गूंजेगा
अपने पराक्रम
को गणना से
समझायेंगे,
कि 'देखलो
हमारे मित्र कितने हैं !
अब तो हम कुरुक्षेत्र
में पांडव को ललकारेंगे !'
पर हम तो
चाटुकारिता ,झूठी प्रसंशा,
शाबश,विलक्षण इत्यादि
को ही सुनकर
अपनी फौज की
रचना कर रहे हैं।
हृदय पर हाथ रखकर
तुम कहो
भीम के प्रहारों से
क्या बच सकोगे ?
यह मित्रता हमें ज्ञान देता
प्यार का पैगाम देता
आपने उद्गारों को जब तक
आपनी लेखनी में न कहोगे
मित्रता तब तक
अधूरी ही रहेगी ।।