जुते लेलो
जुते लेलो
शादी का मौहल
खुशियाँ अपार
दुल्हा होता है
घोड़ी पर सवार
लोक व्यवहार
सब होते रहते
दुल्हन की बहन
जुते दुल्हे के ढूंढते
साली जीजा का
रिश्ता होता अनोखा
नेगी रिवाज सबको भाता
ना करते कोई अनदेखा।
जूते चुरा के पैसे जीजा से
साली ऐठ लेती है
लोक व्यवहार की बात
शादी में निभाती है।