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Manish Kumar

Romance

3  

Manish Kumar

Romance

जुदा होता मजबूर प्यार

जुदा होता मजबूर प्यार

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यादों ने आज हमारी मेरे महबूब को को खूब रुलाया होगा,

यादों ने आज हमारी मेरे महबूब को को खूब रुलाया होगा,,

ना जाने कैसे-कैसे उसने खुद को समझाया होगा ।

जब लगी होगी उसके बदन पर हल्दी,

खुद को उसने बहुत तड़पाया होगा ।

यादों ने आज हमारी...............


बार-बार बस उसे मेरा ही चेहरा नज़र आया होगा,

बार-बार बस उसे मेरा ही चेहरा नज़र आया होगा,,

जब मेंहदी से उसने अपने हाथों को रचवाया होगा ।

यादों ने आज हमारी.............


नज़रों को उसने अपनी चुराया होगा,

कदमों को भी पीछे हटाया होगा,,

आखों में भी उसकी पानी भर आया होगा !

जब उसकी सहेलियों ने किसी और के नज़दीक उसे बैठाया होगा ।

यादों ने आज हमारी...............


हाथों को उसने अपने बड़ी मुश्किल से मनाया होगा,

हाथों को उसने अपने बड़ी मुश्किल से मनाया होगा,,

जब किसी और ने उसकी ऊँगली में अँगूठी को पहनाया होगा ।

यादों ने आज हमारी................


ना जाने कितनी बार उसका मन चिल्लाया होगा ?

ना जाने कितनी बार उसका मन चिल्लाया होगा ?

बहते अशकों को उसने घूँघट के पीछे छुपाया होगा,

जब सबने लाल जोड़े में उसे सजाया होगा ।

यादों ने आज हमारी....................


भरी महफिल में उसने खुद को अकेला पाया होगा,

भरी महफिल में उसने खुद को अकेला पाया होगा,,

तन भी उसका बहुत मचलाया होगा ।

जब मुर्दे के समान उसे स्टेज पर बैठाया होगा ।

यादों ने आज हमारी....................


बड़ी मुश्किल से उसने मेरे तोहफों को फेंकवाया होगा,

बड़ी मुश्किल से उसने मेरे तोफों को फेंकवाया होगा,,

रो-रो के सारे खतों को जलाया होगा !

तब अग्नि के समक्ष सात फेरों को लगाया होगा ।

यादों ने आज हमारी......................


जब खाने का नम्बर आया होगा,

जब खाने का नम्बर आया होगा,,

मेरे बिना उसने कुछ ना खाया होगा ।

भूखी होगी वो,

पर खाने की भरी थाली को वापस लौटाया होगा ।

शर्माहट का बहाना बनाया होगा,

शर्माहट का बहाना बनाया होगा,,

दिल के दर्द को पानी पी के बुझाया होगा ।

यादों ने आज हमारी....................


हर किसी ने नींद का आनन्द उठाया होगा,

हर किसी ने नींद का आनन्द उठाया होगा,

पर उसने पलकों को भी न झपकाया होगा ।

भरी आँखों से,

भरी आँखों से रात को बिताया होगा ।

यादों ने आज हमारी.........................


आखरी पलों में उसने खुद को मुश्किल से समझाया होगा,

जब वक्त उसकी विदाई का आया होगा,,

अपनी सिसकियों में उसने हमारे प्यार को दबाया होगा !

जब एक लाश को चार कांधों ने ड़ोली में उठाया होगा ।

यादों ने आज हमारी....................


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