पढ़ाई से बचाओ यारों
पढ़ाई से बचाओ यारों
हिस्ट्री-ज्योगरफी बड़ी बेवफा,
रात को पढ़ी, सुबह को सफा ।
इकनोमिक्स ने दिया दगा,
मैं, उसे कभी न समझ सका ।
जबतक आई, मैथस की बारी,
मेरी, मत थी गई मारी ।
मैंने सोचा ! चलो,
अकांऊँट से ही काम चलाएँगें,
पढ़-लिख कर, खूब पैसा कमाएँगे ।
पैसा तो मैंने बहुत कमाया,
पर बस, खातों में चढ़ाया ।
हाथ में, कभी कुछ न आया ।
ड़ेबिट-क्रेड़िट के रूलस में, मैं ऐसा गहराया,
अब मुझे, अपना फिज़िक्स याद आया ।
फिज़िक्स मुझसे बहुत नाराज़ था
केमिस्ट्री तो मेरा शुरू से ही खराब था ।
फिर एक दिन,
मैं इंग्लिश से टकरा गया,
बस मुझपर भी,
अंग्रेजी बोलने का जुनून छा गया ।
जोश में आकर मैंने,
एक अंग्रेज के सामने इंग्लिश बोल ड़ाली,
उसने, सबके सामने मेरी पोल खोल ड़ाली ।
आजकल, मैं बायॉलोजी से काम चला रहा हूँ,
मगर, अपनी ही मानसिक स्थिति को समझ न पा रहा हूँ ।
फिर भी, मुझे पूरा विश्वास है,
एक दिन, मैं हिन्दी में अपनी कहानी लिखूँगा,
स्वर नहीं आते मुझे ! तो क्या ?
व्यंजन की जुबानी लिखूँगा ।