जोकर सी खुशी
जोकर सी खुशी
यह जीवन ईश्वर का वर है,
हम जिएं सदा ही खुश होकर।
खुश रहने के हित बांटें खुशियां,
सदा मिलती हैं जो सब गम खोकर।
सदा व्यस्त रहें और हरदम मस्त रहें,
ये दुनिया तो है सचमुच एक सर्कस।
हर क्षण रहते हुए चौकन्ना और सक्रिय,
हंसना-हंसाना और हंसाना-हंसाना है बस।
क्या नर -नारी क्या पशु -पक्षी
कमाल है अभ्यास ?
क्या धीरज -संयम-अनुशासन ?
सुस्ती तनिक न आए पास।
निपुण सभी हैं अपनी कला में
सब पर सब को ही है विश्वास,
करतब सबके बड़े निराले-पर
जोकर इनमें है बड़ा ही खास।
निज गम छिपाकर जग को हंसाकर
अपनी कला हम कुछ ऐसे दिखाएं।
खुशियां फैलाकर हर ग़म मिटाकर,
इस सारी धरा को हम स्वर्ग बनाएं।