जोगन तेरी
जोगन तेरी
तू ही मेरी अनसुनी आयत,
तू ही मेरी अधूरी मन्नत,
ये ही करती हूँ शब - ओ -
सहर इबादत,
तेरी जोगन बनना ही हो
मेरी ज़िन्दगी की हक़ीक़त।
तू ही मेरी अनसुनी आयत,
तू ही मेरी अधूरी मन्नत,
ये ही करती हूँ शब - ओ -
सहर इबादत,
तेरी जोगन बनना ही हो
मेरी ज़िन्दगी की हक़ीक़त।