ज्ञानदीप
ज्ञानदीप
अँधेरी रात का उजाला बना
देश को सम्हालने वाला एक रखवाला बना
अपनी जिंदगी लगा दी अपने देश को बचाने में
ऐसा मेरा देश का रखवाला स्वामी विवेकानन्द बना
कर्म के पथ पर रहे हमेशा अग्रसर
करते सब को प्रेरणा प्रदान
ज्ञानदीप की ज्योति बनकर
सबको देते हैं वो ज्ञान
सूर्य चन्द्र पृथ्वी आकाश सब का करते ध्यान
उठो जागो और तब तक नहीं रुको ऐसा है उसका अनुमान
एकता एकाग्रता की बात बताये ऐसे बने महान
मेहनत की सीढ़ी पर चलकर अपना बनाया पहचान
महावीरों महान कथनों ग्रंथों में उसका हैं नाम
असत्य पर सत्य की जीत, अन्याय पर न्याय की जीत
ऐसा हैं उसका सोच विचार
ब्रह्मांड की सारी शक्ति लिये कर्म पथ पर चले
न डरे न घबराये औरों को साथ ले चले
ऐसा हैं हमारे भारत का वीर सपूत स्वामी विवेकानंद का विचार
इसलिए उसके चले जाने के बाद भी स्वामी विवेकानंद का हैं मान और सम्मान!!!
