जन्मभूमि
जन्मभूमि
हे जन्मभूमि मेरी तू ही तो मेरी माँ है
हे मातृभूमि मेरी तू ही मेरा जहाँ है
देकर लहू जो अपना कुर्बान हो गए हैं,
वे वीर थे कि तुझको दिलोजान दे गए हैं,
इस त्याग, इस बलि को कर दे अमर मेरी माँ,
मर कर भी इस धरा को जीवन वे दे गए हैं।
हे जन्मभूमि मेरी...
तिमिर में जो उदित है वो तेरा आसमां है,
ये तप है साधना है, बलिदान का समाँ है,
तू मुस्कुराए हरदम बस लालसा यही है,
सर पे हो तेरा आँचल तो सारे गम जुदा हैं।
हे जन्मभूमि मेरी...
जब अगला भी जनम हो भारत मेरा वतन हो,
इस भक्ति के बिना तो ना कोई भी जतन हो,
तेरे ओज की तपन से जीवन यहीं मैं पाऊँ,
फिर मौत भी जो आये बासंती ही कफन हो।
हे जन्मभूमि मेरी...
